आज भारत में सर्वाधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है, यह है संस्कार की आधुनिकता के इस युग में हम मानव धर्म और अपने संस्कार भूलते जा रहे हैं। आज की आवश्यकता है, देश में ऐसे संस्थानों की जो आपको आधुनिक तकनीकि ज्ञान के साथ-साथ आपके मूल से भी परिचित कराते हुए संस्कारवान बनाये। अखण्ड भारत को आर्यावर्त कहा जाता है उसी आधार पर विश्वविद्यालय का नाम आर्यावर्त विश्वविद्यालय रखा गया है।
हम विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति के ज्ञान के साथ आज प्रतिस्पर्धा युग में आवश्यक ज्ञान भी पूर्ण समाजस्य के साथ देने हेतु प्रतिबद्ध है। यह भी संयोग है कि भारत में इसी विचार को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तैयार की गई है. जो हमारे सिद्धांत एवं उद्देश्यों के अनुकुल है।
यह हमारा सौभाग्य है कि मुझे इस विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। मैं विश्वविद्यालय के मुखिया होने के नाते पाल्य एवं पालक दोनों को यह विश्वास दिलाता हूँ कि आपके सपनों को साकार करने के लिए हर कदम पर हम आपके साथ होगें। हमें पूर्ण विश्वास है कि हम सब मिलकर इस विश्वविद्यालय को एक नया आयाम प्रदान करेंगे।